31 मार्च सामने है, जरा संभल कर उठाये कदम
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वित्त वर्ष 2017-18 आगामी 31 मार्च को समाप्त हो रहा है और कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें करना बेहद ज़रूरी है वर्ना पछताना पड़ सकता है:-
1. File Income Tax Return
आपने अगर वित्त वर्ष 2015-16 और वित्त वर्ष 2016-17 का इनकम टैक्स का रिटर्न फाइल नहीं किया है तो उसे जरूर कर लें। अन्यथा वित्त वर्ष 2015-16 का रिटर्न फाइल नहीं कर सकेंगे और वित्त वर्ष 2016-17 के लिए परेशानी हो सकती है।
2. Pending Demand under TDS
आप TDS की साइट पर जाकर पेंडिंग डिमांड चेक कर लें क्योंकि आजकल ऐसा रहने पर बैंक एकाउंट फ्रीज कर दिया जा रहा है।
3. File TRAN 2
अगर आपको TRAN -2 का क्रेडिट लेना है तो उसे 31 मार्च के पहले फाइल करना ही होगा।
4. Composition Scheme
अगर आप वित्त वर्ष 2018-19 में कंपोजीशन स्कीम लेना चाहते हैं तो OPT IN कर लें। भले ही आप रेगुलर स्कीम में हों मगर तब आपको ITC-03 फाइल करना होगा और इनपुट क्रेडिट रिवर्स करना होगा या फिर क्लोजिंग स्टॉक के लिहाज से उसे चुकाना होगा। अगर आप कैंसल करना चाहते हैं तो वह करें लेकिन तब CMP-04 और ITC-01फाइल करना होगा।
5. Choose Quaterly Return Option
अगर आपका एग्रीगेट टर्नओवर 1.50 करोड़ रुपये तक है तो आप अपने विकल्प के तौर पर तिमाही रिटर्न चुन सकते हैं, भले ही इस वर्ष यानी वित्त वर्ष 2017-18 में आप मंथली रिटर्न फाइल कर रहे हों।
6.Payment to Vendor to avail Input Credit
जीएसटी में इनपुट क्रेडिट लेने के लिेए वेंडर को 180 दिनों में भुगतना करना अनिवार्य है। यानी आप यह सुनिश्चित कर लें कि सभी इनवॉयस जो 2 अक्तूबर 2017 तक के हैं उनका पूरा पेमेंट यानी बिल वैल्यू अदा किया जा रहा है। हालांकि यह जरूर देख लें कि वेंडर के पूरे बिल का भुगतान बिल डेट से 180दिनों के भीतर हो जाये। 180 दिनों तक भुगतान नहीं करने पर इनपुट क्रेडिट को रिवर्स करना होगा।
7. Enrolment Number
1 अप्रैल 2018 से ई-वे बिल चालू हो रहा है इसलिए इसमें इनरोलमेंट पहले ही कर लें।
8. HSN
आप अपना एग्रीगेट टर्नओवर चेक कर लें क्योंकि अपने इनवॉयस में HSN कितने डिजीट का दिखाते हैं या आप आपके एग्रीगेट टर्नओवर पर निर्भर करता है। हालांकि ई-वे बिल में HSN देना जरूरी है भले ही आपका टर्नओवर कितना ही क्यों न हो। गौरतलब है कि 1.50 करोड़ रुपये के ऊपर और 5 करोड़ रुपये के नीचे 2 डिजीट और 5 करोड़ के ऊपर 4 डिजीट तथा एक्सपोर्ट में 8 डिजीट का उल्लेख करना अनिवार्य है।
9. Tax Invoice Series
आप अपने इनवॉयस की सीरीज नये वित्त वर्ष के लिए एक अप्रैल से बदल सकते हैं। आप एक से अधिक यानी मल्टीपल सीरीज रख सकते हैं लेकिन उसकी एक्सप्लेनेशन जायज होनी चाहिए।
10. File ISD Return
इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर का रिटर्न जुलाई से फरवरी तक की फाइल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च ही है।
11. Anti Profiteering Notice
आने वाले वर्ष में एंटी प्रोफेटेयरिंग सेल से नोटिस आने की काफी संभावनाएं हैं। नोटिस आने की स्थिति में आपको यह बताना होता है कि आपने इनपुट क्रेडिट का लाभ ग्राहक को दिया है या नहीं। इसलिए मेरा यह सीधा-सीधा मानना है कि आप अपने GP रेशियो का मिलान विगत वर्षों से करें और इस वर्ष अगर GP बढ़ रहा है तो उसे समझें और कंसलटेंट की मदद से उचित निर्णय लें।
12. Pay GST on advance received for Supply of Service
अगर कोई ऐसी एंट्री है जो 31 मार्च तक बाकी रहने पर बैलेंस शीट में दिखती है और पकड़े जाने की स्थिति में उसका एक्सप्लानेशन मुमकिन नहीं तो उसे लौटा देना ही बेहतर है। उदाहरण के तौर पर किसी कॉन्ट्रैक्टर को पार्टी से पैसा मिलता है लेकिन यह तय नहीं हुआ है कि वह लोन है या एडवांस तो उसे क्लियर कर लें। क्योंकि सर्विस सप्लाई के लिए एडवांस होने की स्थिति में जीएसटी देना जरूरी होता है और वह लोन है तो ब्याज जरूर देना चाहिए।
13. Transporter choose option for RCM / FCM
ट्रांसपोर्टर निर्णय कर ले कि FCM में जाना है या RCM में रहना है।
14. Surrender GST Number
आप जीएसटी में माइग्रेट होकर आये हैं लेकिन आपको जीएसटी में नहीं रहना है तो जीएसटी नंबर सरेंडर कर दें। नबंर को सरेंडर करना 31 मार्च 2018तक अपेक्षाकृत आसान है।
आने वाला वित्त वर्ष 2018-19 कई मायनों में एक बेहद महत्वपूर्ण वर्ष होने वाला है। हम सभी के लिए यह वर्ष मंगलमय व शुभ होने के साथ-साथ सुख तथा समृद्धि लाने वाला हो। इसी मंगलकामना के साथ नये वित्त वर्ष के लिए मेरी अग्रिम शुभकामनाएं।
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