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नयी है ई-वे बिल प्रक्रिया, संभल कर उठाये कदम

GST DOST's BLOG

1 अप्रैल 2018 से ई-वे बिल इंटर स्टेट गुड्स की आवाजाही पर लागू होगा और कॉमन पोर्टल के जरिए इसे बनाया जायेगा। इस ई-वे बिल और टैक्स इनवॉयस को ड्राइवर को अपने साथ आवाजाही के दौरान रखना होगा। हालांकि गुड्स का ट्रांसपोर्ट अगर सड़क की बजाय दूसरे मार्ग जैसे रेल, वायु या जलमार्ग से होता है तो ड्राइवर को इसे अपने साथ यह नहीं रखना होगा। लेकिन उसका विवरण उसके या इंचार्ज के पास होना चाहिए। साथ ही अगर रेल मार्ग से गुड्स का ट्रांसपोर्टेशन हो रहा है तो माल की डिलीवरी तभी मिल सकेगी जब ई-वे बिल पेश किया जायेगा।

माल रोके-पकड़े जाने पर टैक्स और पेनाल्टी

यह भी जान ले कि माल पर अगर जीएसटी है तो बिना ई-वे बिल या टैक्स इनवॉयस के माल के पकड़े जाने की सूरत में भारी-भरकम टैक्स और पेनाल्टी चुकाना पड़ेगा। पेनाल्टी इस प्रकार है: -

भुगतान पार्टी करेगी:-    

माल पर लगने वाली जीएसटी तथा उतनी ही पेनाल्टी।

भुगतान ट्रांसपोर्टर करेगा: -

माल पर लगने वाली जीएसटी तथा माल का 50 फीसदी पेनाल्टी के तौर पर |

साथ ही साथ आपको यह भी मानना होगा कि जीएसटी में हर काम को निर्दिष्ट समय में पूरा करना ही होता है| अगर अफसर ने आपका माल किसी भी कारण से रोक लिया है तो उसे 7 दिनों के भीतर सलटा देना होता है, चाहे टैक्स और पेनाल्टी लेकर या फिर आपके जवाब से संतुष्ट होकर वर्ना  उसे माल और ट्रक को जब्त करना होगा | आप अपील जरूर कर सकते है लेकिन उस दौरान अगर माल को छुड़ाना है तो सिक्यूरिटी के तौर पर टैक्स पेनाल्टी जमा करनी होगी। साथ ही साथ अफसर को अगर लगता है गुड्स पेरिशेबल प्रवृत्ति का है जैसे की दूध, फल, साग - सब्जी आदि या फिर अन्य कोई जायज़ कारण है तो उसे वो अपील के दौरान भी बिक्री करके टैक्स पेनाल्टी कि अदायगी कर सकता है |

माल के जब्त होने पर फाइन

अगर आपका माल जब्त होता है तो टैक्स पेनाल्टी, फाइन के रूप में माल की कुल कीमत तक लग सकती है। मगर किसी भी सूरत में यह टैक्स और पेनाल्टी से कम नहीं होगा। इसके अलावा ट्रांसपोर्टर को ट्रक छुड़ाने के लिए माल पर लगने वाली जीएसटी का भी भुगतान करना होगा।

स्कोर कार्ड

जो टैक्स पेनाल्टी फाइन का भुगतान करेगा उसका स्कोर कार्ड भी ख़राब होगा और आने वाले समय में अफसर ऐसे लोगो पर विशेष निगरानी भी रखेंगे और यह उनके लिए बिलकुल आसान होगा क्योंकि सभी डाटा ऑनलाइन है और ऐसा उन्होंने वेबिनार के दौरान भी कहा है | इसलिए माल के साथ पूरे दस्तावेज भी साथ रखे ताकि टैक्स पेनाल्टी फाइन के भुगतान से बच सके और स्कोर कार्ड भी सही रहे |

मेरी समझ कहती है

1. ई-वे बिल और जीएसटी के नियमों के बारे में जानकारी अपने कंसलटेंट से ले |

जीएसटी एक नयी व्यवस्था है और ई-वे बिल तो और भी नया है। आपको इस संबंध में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए इससे जुड़ी जानकारियों का संकलन हमनें www.ewaybill.me या www.gstdost.com/ewaybill साइट पर किया है। ई-वे बिल से सम्बंधित प्रावधान, नियम, फॉर्म, राज्यवार नोटिफिकेशन सर्कुलर कि जानकारी आप वहां से हासिल कर सकते है |

2. टैक्स इनवॉइस / बिल ऑफ़ सप्लाई / डिलीवरी चालान और ई-वे बिल के साथ जरुरी दस्तावेज ड्राइवर को दे और उसे वह साथ रखने का निर्देश दें | उससे यह भी कहे कि अगर अफसर द्वारा रास्ते में माल रोका या पकड़ा जाता है उसे सारे दस्तावेज दिखाए और आवश्यकता महसूस हो तो वो आपसे तुरंत संपर्क करे | अधिकारी से उलझने से बचे, बिल्कुल वैसे ही जैसे ही जब आपकी गाडी को ट्रैफिक सार्जेंट रोक लेता है और आप करते है | उसका अधिकार है, पेपर और माल को चेक करने का |

3. अंडर इन्वॉइसिंग से बचने की कोशिश करें |

4. अगर माल रोका या पकड़ा गया है और आपको लगता है कि अफसर के पास जायज़ वज़ह है माल को रोकने की तो बुद्धिमानी यही है कि टैक्स-पेनाल्टी का भुगतान कर दें| कुछ लोग आपको यह सलाह भी दे सकते हैं कि आपको फाइट करनी चाहिए मगर मेरा मानना है कि सलाह उसी से लें जिसे ई-वे बिल या ट्रांसपोर्टेशन से सम्बंधित जीएसटी के प्रावधानों की सम्पूर्ण जानकारी हो | अंदाजे वाली सलाह आपको परेशानी में डाल सकती है और में हमेशा कहता हूँ की अकाउंटेंट या कंसलटेंट के चुनाव में सावधानी बिल्कुल उसी तरह से बरतनी  चाहिए जैसे की हम अपने परिवार में शादी ब्याह के दौरान वर वधु के चुनाव के दौरान बरतते है | मामले को निपटा लेने में ही समझदारी है।

5. एनरोलमेंट नंबर तत्काल ले लें |

फरवरी से अब तक नियमों में कुछ बदलाव हुए हैं जिनकी जानकारी हमनें www.ewaybill.me पर ब्लॉग सेक्शन में सरल और सहज भाषा में किया है | आप वहां जाये, समझे और फिर निर्णय करे आगे कैसे क्या करना है |