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कैश कैरी वैन के खरीद पर मिलेगा, जीएसटी में इनपुट

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आम बोलचाल की भाषा में कहा जाये तो कैश कैरी वैन ऐसी स्पेशल यूटिलिटी मोटर व्हीकल होती है जिसमें रुपये के पिक उप और डिलीवरी के लिए व्यहवार में लाया जाता है । या यूँ कहे इसका इस्तेमाल करेंसी को एक जगह से दूसरी जगह  लाने ले जाने में होता है। इसलिए लोग यह भी कहते है कि करेंसी कीमूवमेंट मूवमेंट  के दौरान रूपए महज गुड्स होते है न  कि लीगल टेंडर जिसका इस्तेमाल करके कोई अपनी ऑब्लिगेशन को सेटल कर सकता है। 

तो इस संदर्भ  में प्रश्न आया की  कैश कैरी वैन की खरीद और फैब्रिकेशन पर जो जीएसटी का पेमेंट होता है, क्या उसका इनपुट क्रेडिट जीएसटी में मिलेगा?

मेरा उत्तर हाँ है । और यही बात महाराष्टृ अपीलेट एडवांस रूलिंग अथॉरिटी ने CMS Infosystem Ltd. के केस में अपनी रूलिंग के दौरान भी कही है । आप जब इस केस को पढ़ेंगे तो आपको लॉजिक मिलेगा और काफी सारी ऐसी बातें मिलेगी, जिस पर गौर करने की जरुरत है, उनमें से कुछ बाते हैं :

(1)  धारा 17(5)(a) के अनुसार आमतौर पर मोटर व्हीकल जिसमें ड्राइवर को लेकर अधिकतम 13 लोग सफर कर सकते हैं, उसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलता है, मगर गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन के लिए इस्तेमाल होने पर कोई बंदिश नहीं है। लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि अगर आप मारुती ओमनी का इस्तेमाल गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन के लिए करेंगे तो वो गुड्स ट्रांसपोर्टेशन व्हीकल नहीं हो जायेगा। विवाद होने पर समाधान का आधार रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट होगा। हालाँकि मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट गाडी खरीदने पर जो रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट इश्यू करता है, उसमे भी कैश कैरी वैन को गुड्स व्हीकल लिखा  जाता है। 

(2)  सीजीएसटी के नियम 138(14) में जिन गुड्स की आवाजाही पर ई-वे बिल के जेनरेशन की आवश्यकता नहीं है उसमें मनी यानी रुपये को भी स्पेसिफाई किया गया है। यानी मनी गु्ड्स का एक प्रारूप है जब उसकी आवाजाही कैश कैरी वैन के जरिये होती है।

(3)  नोटिफिकेशन 02/2017- Central Tax (Rate) ऐसे गुड्स से डील करता है जिसकी बिक्री पर  जीएसटी नहीं है और इस नोटिफिकेशन के सीरियल नंबर 117 में कहा गया है कि रूपए या सिक्के भारत सरकार या रिज़र्व बैंक को जब बेचे जाते हैं तो उस पर  जीएसटी नहीं लगेगा। वो एग्जेंप्ट रहेगा। यानि करेंसी की जब खरीद बिक्री की जाती है तो वो महज गुड्स है। 

मेरा मानना है कि  इन बातों पर गौर करने के बाद ही अपीलेट एडवांस रूलिंग अथॉरिटी ने कहा कि कैश कैरी वैन एक स्पेशल पर्पज वेह्किल है जिसका इस्तेमाल करेंसी रूपी गुड्स के मूवमेंट के लिए होता है, इसलिए उसकी खरीद और बॉडी फैब्रिकेशन के लिए जो जीएसटी का पेमेंट करते हैं उसका आइटीसी मिलेगा। इतना ही नहीं, इस्तेमाल के बाद अगर इसकी बिक्री की जाती है, भले ही स्क्रैप की तरह, तो उस पर जीएसटी का पेमेंट करना होगा।    

पैसे की कीमत असीम,
सुरक्षित कैश वैन रोकती लूट
भले था ये प्रश्न जटिल,
समझ लो मिलती इसमें जीएसटी की इनपुट 

 स्त्रोत: CMS Infosystems Ltd., Maharashtra Appellate Advance  Ruling Authority.