इ वे बिल एक्सपायरी के मामले में इन ट्रांजिट गुड्स में सेक्शन 68 लगेगा जबकि गोडाउन में अनलोडेड गुड्स पर सेक्शन 67

GST DOST's BLOG

इ वे बिल एक्सपायरी के मामले में इन ट्रांजिट गुड्स में सेक्शन 68 लगेगा जबकि गोडाउन में अनलोडेड गुड्स पर सेक्शन 67
Mar, 2023
By Vikash Dhanania

 

नमस्कार ! 

पिछली पोस्ट में हमने आपको जीएसटी ऑडिट और जीएसटी इन्वेस्टीगेशन के एप्रोच में अपनाए जाने वाले एप्रोच का उदाहरण देकर बतलाया था की कैसे जीएसटी में आमूल-चूल परिवर्तन हुए हैं।

इसी कड़ी में आपको एक और केस स्टडी देते है।  

एक ट्रक जिसका ई वे बिल एक्सपायर हो चूका था, उसमें उल्लेखित गुड्स को ट्रक से अनलोड करके एक गोडाउन में रखा गया जो की ट्रांसपोर्टर का गोडाउन है मगर बन्दे के एडिशनल बिज़नेस प्लेस के रूप में जीएसटी पोर्टल पर इंगित नहीं है।  

अनलोडिंग के दो दिन बाद जिस गोदाम में माल रखा होता है उस पर विभाग छापा मारता है और जिन माल का ई वे बिल एक्सपायर हो गया है उस पर धारा 68/129 के तहत पेनाल्टी की मांग करता है.

पेनाल्टी का पेमेंट करके कमिश्नर (अपील) से गुहार लगायी जाती है मगर वहां हार मिलती है।  लेकिन हाई कोर्ट में जीत जाते है क्योंकि वहां जो सुपर स्पेशलिस्ट एडवोकेट बन्दे को रिप्रेजेंट कर रहा होता है, वो कोर्ट को बतलाते है कि चूँकि गुड्स इन ट्रांजिट नहीं है तो सेक्शन 68 में पेनाल्टी नहीं मांगी जा सकता है, सेक्शन 67 में प्रोसेडिंग हो सकती थी।  इसलिए मामले को निरस्त कर कोर्ट  पेनाल्टी लौटाने को लौटाने का आर्डर पास करता है। 

केवल रिटर्न फाइल करना या अपील करना काफी नहीं है, अगर आप शांति और पैसे की बचत चाहते हैं तो किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जो जीएसटी में सुपर स्पेशलिस्ट हो।

हम अकेले नहीं हैं, और भी बहुत  है।

टीम जीएसटी दोस्त