GST is Not a Trouble, If You Understand It Well
It is always advised to accept a thing and deal with it if is beyond your power to change it. There are a lot of tell tales from unauthorized sources that GST won’t survive the test of time. However, we beg to differ. GST shall stay, but there will be amendments in GST from time to time. Therefore, it is only practical that no matter what, you must understand it and accept it to make your life simpler. Unwillingness to deal with GST will only result in unwanted tension and losses for you in the form of penalties, interests, or more.
For example, if a handicrafts manufacturer makes an interstate taxable supply (supply from one state to another), then he/she would not require GST Registration. However, for this to be applicable, it is mandatory that his/her aggregate annual turnover be less than Rs. 20/10 lakhs. This exception is available only on handicraft items that are mentioned specifically in Notification 32/2017-Central Tax Dated 15/09/2017. But the rate of job work remains the same - standing at 18% on that day. Another Notification -46/2017-Central Tax (Rate) Dated 14/11/2017 was released later which said that a handicrafts goods manufacturer will be expected to pay GST at the rate of 5% on the job work. The rate of GST dropped from 15/11/2017 and this notification said that to understand the definition of handicrafts goods, it is important that Notification 32/2017 be read. Along with that, it also mentioned that this rebate will be available only on handicraft items that have been described in Notification 32/2017.
It will be important to understand that the rebate on the rate of GST is applicable only since 15/11/2017 and not before that. Anyone caught charging GST at the rate of 5% before 15/11/2017 will be penalized and also be expected to pay GST at the rate of 18%. It is worth highlighting here that such a person will have to pay all the charges from his/her own pocket since he/she won’t be able to charge GST from the customer again.
Also, at this stage, let us make it obvious that handicraft is all about working with hands, i.e. manual labor, which means that machines should be avoided in manufacturing products. Going by that statement, if a sweater is woven with hands, it will be considered a handicraft product, but if is woven by a machine, it will not be considered one.
Click here to see the list of handicraft products on which the worker will get rebate on interstate taxable sale and on which the rate of job work is only 5%.
If you fail to pay GST on time, you may be able to stay well in place for a limited time, but such a failure may also land you in a big trouble in the near future. The officer will consider any reason given by you for failure as an excuse.
Having said that, we reiterate that you will have to accept the procedure, comply and take registration in GST if that applies to you. There is no running from that. The sooner you get comfortable with it, the better it is for your business.
GST टेंशन नहीं है, अगर जान लें और मान लें
हमारे यहां एक कहावत है कि अगर आप किसी चीज़ को बदल नहीं सकते तो उसे अपना लेना चाहिए और सामर्थ्य है बदलने कि तो बदल देना चाहिए | आज GST को लेकर काफी शोर है और कभी कभी यह भी सुनने में आ ही जाता है कि आने वाले समय में GST नहीं रहेगा | लेकिन इस बात से मैं बिल्कुल भी सहमत नहीं हूँ और चाहे कोई कुछ भी कहें, GST तो रहेगा ही बेशक वक्त के साथ बदलाव होते रहेंगे|आपको इन बदलावों के साथ साथ GST के नियम क़ानून के बारे में जानना होगा, समझना होगा और मानना भी होगा, वर्ना भुगतान ... टैक्स, पेनाल्टी , ब्याज़ वगैरह के रूप में अदा करना होगा, जो मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि उससे आपकी जेबें ढीली होंगी | टेंशन होगा वो अलग से और कई दफा तो हमने ऐसा भी देखा है कि व्यापारी दूसरे व्यपारियों से प्रतिस्पर्धा में टिक नहीं पाता |
उदहारण के तौर पर, अगर कोई हस्तशिल्पकार इंटर स्टेट टैक्सेबल सप्लाई करता है यानी एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजता हो तो उसे GST में रजिस्ट्रेशन नहीं लेना होगा बशर्ते उसका एग्रीगेट टर्नओवर 20/10 लाख रूपए सालाना से काम हो | मगर यह छूट सभी हस्तशिल्प वस्तुओं पर नहीं है, उसी पर है जिसका उल्लेख नोटिफिकेशन 32/2017-Central Tax दिनांक 15/09/2017 में है| लेकिन इस नोटिफिकेशन के मार्फ़त जॉब वर्क की दर नहीं बदली | वो 18% ही रही | फिर एक नया नोटिफिकेशन 46/2017-Central Tax (Rate) दिनांक 14/11/2017 आया और उसमे यह कहा गया कि हस्तशिल्प माल के मैन्युफैक्चरर को जॉब वर्क पर 5% की दर से GST चुकाना होगा | लेकिन GST की दर घटी 15/11/2017 से और इस नोटिफिकेशन में कहा गया कि हस्तशिल्प गुड्स की परिभाषा के लिए नोटिफिकेशन 32/2017 पढ़ें और साथ ही साथ यह भी कहा गया है कि यह छूट उन्ही हस्तशिल्प वस्तुओं पर है जिसका उल्लेख नोटिफिकेशन 32/2017 में हैं |
अब जो भी हस्तशिल्प के व्यापार से जुड़े हुए हैं उन्हें यह गौर करना होगा कि वास्तव में नोटिफकेशन में क्या कहा गया है और जो छूट मिली है, उसका फायदा वास्तव में उन्हें मिलेगा भी या नहीं और घटी हुई दर 15/11/2017 से लागू हुईं है न कि उसके पहले से | अगर कोई 15/11/2017 के पहले GST 5% की दर से लेता है तो उसे पकड़े जाने पर 18% की दर से GST वसूला जायेगा और बकाया टैक्स का भुगतान ब्याज़, पेनाल्टी के साथ देने को कहा जायेगा | इसका भुगतान करना ही होगा और जैसा मैंने पहले कहा… खुद की जेब से क्योंकि बाद में टैक्स ग्राहक से मांगने से भी नहीं मिलेगा | ब्याज़, पेनाल्टी तो दूर की बात और सामने वाला तर्क देता है कि पहले अगर आपने माँगा होता, तो हम देते ही और अभी अगर देते हैं तो हमें क्रेडिट भी नहीं मिलेगी| गलती आपकी तो नुकसान भी आपका|
यह भी जान लें कि हस्तशिल्प में कारीगर हाथ से काम करता है | मशीन का इस्तेमाल ना के बराबर होना चाहिए | कहने को अगर कोई स्वेटर हाथ से बनता है तो वो हस्तशिल्प है और अगर मशीन से बनता है तो नहीं |
हस्तशिल्प वस्तुओं कि सूचि जिसमे हस्तशिल्पकार को इंटरस्टेट टैक्सेबल सेल में विशिष्ट शर्तो पर छूट है और जिस पर जॉब वर्क की दर 5% है |
अगर आपने सही टैक्स का भुगतान सही समय पर नहीं अदा किया तो कुछ समय तो आप व्यापार में मज़े से टिके रहेंगे लेकिन यह भी हो सकता है कि आने वाला समय परेशानी का सबब बन जाये | जानकारी नहीं थी या इतना टैक्स वसूला ही नहीं वगैरह को अफसर बहाना ही समझेगा |
आप पसंद करें या न करें, आपको अगर व्यापार करना है और आप पर अगर GST में रजिस्ट्रेशन लेने की बाध्यता है तो आपको रजिस्ट्रेशन लेना ही होगा और जो भी कंप्लायंस है, उसे करना ही होगा | आप उसे नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते | आपको अपनाना ही पड़ेगा |
हमनी किहाँ एगो कहावत बाटे कि अगर रउआ कवनों चीज़ के बदल नईखी सकत त ओकरा के अपना लेवे के चाहीं अउर अगर सामर्थ्य बाटे बदले के त बदल देवे के चाहीं| आज GST के लेकर काफी शोर बाटे अउर कबो कबो इ भी सुने में आ ही जाता कि आवे वाला समय में GST ना रही | लेकिन इ बात से हम बिल्कुल भी सहमत नईखी अउर चाहे केहू कुछ भी कहें, GST त रहबे करी... हाँ! बेशक वक्त के साथ बदलाव भी होत रही| रउआ के इ बदलाव कुल के साथ साथ GST के नियम क़ानून के बारे में भी जाने के पड़ी, समझे के पड़ी अउर माने के भी पड़ी, वर्ना भुगतान... टैक्स, पेनाल्टी, ब्याज़ वगैरह के रूप में अदा करे के पड़ी, जवन हम दावे के साथ कह सकेनी कि ओकरा से राउर जेब ढीला होखी| टेंशन होखी उ अलग से अउर कई दफा त हमनी के अईसनों देखले बानी कि व्यापारी दोसर व्यपारियन से प्रतिस्पर्धा में टिक नईखन पावत जा|
उदहारण के तौर पर, अगर कवनों हस्तशिल्पकार इंटर स्टेट टैक्सेबल सप्लाई करता यानी कि एक राज्य से दोसर राज्य में माल भेजता... त उनकरा GST में रजिस्ट्रेशन ना लेवे के पड़ी बशर्ते उनकर एग्रीगेट टर्नओवर 20/10 लाख रूपए सालाना से कम होखे| मगर इ छूट सब हस्तशिल्प वस्तुअन पर नईखे, ओकरे पर बाटे जेकर उल्लेख नोटिफिकेशन 32/2017-Central Tax दिनांक 15/09/2017 में बा| लेकिन इ नोटिफिकेशन के मार्फ़त जॉब वर्क के दर ना बदलल| उ 18% ही रहल| फिर एगो नयका नोटिफिकेशन 46/2017 {Central Tax (Rate} दिनांक 14/11/2017 आइल अउर ओमे इ कहल गईल कि हस्तशिल्प माल के मैन्युफैक्चरर के जॉब वर्क पर 5% के दर से GST चुकावे के पड़ी|
लेकिन GST के दर घटल 15/11/2017 से अउर इ नोटिफिकेशन में कहल गईल कि हस्तशिल्प गुड्स के परिभाषा खाती नोटिफिकेशन 32/2017 पढ़ल जाओ अउर साथ ही साथ इ भी कहल गईल कि इ छूट उहे हस्तशिल्प वस्तुअन पर बाटे जेकर उल्लेख नोटिफिकेशन 32/2017 में बा|
अब जे भी हस्तशिल्प के व्यापार से जुड़ल बाटे... उनकरा इ गौर करे के पड़ी कि वास्तव में नोटिफकेशन में का कहल गईल बा अउर जवन छूट मिलल बा, ओकर फायदा वास्तव में उनकरा मिली भी कि ना... अउर घटल दर 15/11/2017 से लागू भईल बा... ना कि ओकरा पाहिले से| अगर केहू 15/11/2017 के पहले GST 5% की दर से लेले बा त उनकरा पकड़ा गाईला पर 18% के दर से GST वसूलल जाई अउर बकाया टैक्स के भुगतान ब्याज़, पेनाल्टी के साथ देवे के कहल जाई| एकर भुगतान करहीं के पड़ी अउर जईसन कि हम पाहिले कहनी… आपन जेब से... काहे कि बाद में टैक्स ग्राहक से मंगला से भी ना मिली| ब्याज़, पेनाल्टी त दूर के बात अउर सामने वाला तर्क दिही कि पाहिले अगर रउआ मंगले रहती, त हम दे ही देती अउर अभी अगर दे रहल बानी त हमरा क्रेडिट भी ना मिली| गलती राउर त नुकसान भी राउर|
इ भी जान लीं कि हस्तशिल्प में कारीगर हाथ से काम करेलन जा | मशीन के इस्तेमाल ना के बराबर होखे के चाही| कहे के मतलब कि अगर केहू स्वेटर हाथ से बना रहल बा त उ हस्तशिल्प ह अउर अगर मशीन से बना रहल बा त ना|
अगर रउआ सही टैक्स के भुगतान सही समय पर नईखी अदा कईले त कुछ समय त रउआ व्यापार में मज़े से टिकल रहब लेकिन इ भी हो सकता कि आवे वाला समय परेशानी के सबब बन जाई | जानकारी ना रहे भा अतना टैक्स वसूलल ही नईखे गईल वगैरह के अफसर बहाना ही समझहीए|
रउआ भले पसंद करी भा ना करी, रउआ अगर व्यापार करे के बा अउर रउआ पर अगर GST में रजिस्ट्रेशन लेवे के बाध्यता बा त रउआ रजिस्ट्रेशन लेवे के ही पड़ी अउर जवन भी कंप्लायंस बा, ओकरा के करहईं के पड़ी| रउआ ओकरा के नज़र अंदाज़ ना कर सकेनी| रउआ अपनावे के ही पड़ी|