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जीएसटी रजिस्ट्रेशन की खामियों को फर्जी आइटीसी क्लेम के सामने आने के बाद ठीक किया गया

GST DOST's NEWS

 

डायरेक्टरेट ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस आजकल धोखाधड़ी करके गलत तरीके से फर्जी खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) लेने वालो के यहाँ लगातार छापे मार रही और गिरफ्तारियां भी कर रही। उन्होंने खुलासा किया है ऐसे कई मामले सामने आये हैं जहां गलत तरीके से जीएसटी रजिस्ट्रेशन करके धोखाधड़ी की गयी क्योंकि पूर्व में सिस्टम था कि यदि आवेदन के तीन दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन न हो तो वह अपने आप डीम्ड रजिस्ट्रेशन हो जाता था। सिस्टम की इस खामी और नीति की वजह से अपेक्षाकृत कम डॉक्यूमेंट्स देने से भी रजिस्ट्रेशन हो जाता था, जिससे जीएसटी तंत्र में कई शेल कंपनियां उग आईँ। सूत्रों की मानें तो कई कंपनियों ने ऐसी पीडीएफ फाइलें अपलोड की जो बिल्कुल खाली थीं। आधार नंबर और पैन नंबर भी दूसरे लोगों के दे दिये गये थे।

हालाँकि सिस्टम की इस खामी को ठीक कर लिया गया है। इतना ही नहीं, अब इस वर्ष नवंबर में नोटिफिकेशन के बाद आधार कार्ड की भी जांच शुरू की गयी है। इससे आवेदकों का क्रॉस वेरिफिकेशन हो सकेगा। इतना ही नहीं, प्राप्त जानकारी के मुताबिक डिपार्टमेंट जुलाई 2017 से फरवरी 2020 तक के रजिस्ट्रेशनों की भी जांच कर रहा है और जहाँ संदेह है, वहां अफसर व्यक्तिगत रूप से ऑफिस का भी जाकर वेरिफिकेशन कर रहे है । ऐसा रिस्की एक्सपोर्टर के मामले में तो लगभग हर केस में हो रहा है | साथ ही साथ सर्कुलर ट्रेडिंग के जो बेनेफिशरी है, उनके यहाँ देश भर में छापे मारे जा रहे हैं और गिरफ्तारियां शुरू हो गयी हैं।

डिपार्टमेंट ने लगभग १५००० कंपनी की लिस्ट भी जारी की है जिसमे उन कंपनियों का नाम है जो फर्जी आईटीसी के लेनदेन में आरोपित है |