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हाईकोर्ट जोधपुर ने रॉयल्टी चार्ज के साथ जीएसटी लेने पर लगाई रोक, लेकिन फिर भी भ्रम की स्थिति

GST DOST's NEWS

जैसा कि आप जानते ही है कि मार्बल यानि संगमरमर एक तरह की खनिज सम्पदा है और किसी भी खनिज के दोहन पर राज्य सरकार जो रॉयल्टी लेती है, उस पर रिवर्स चार्ज में जीएसटी का भुगतान माइनिंग लीज होल्डर को करना होता है | लेकिन साथ ही साथ राज्य सरकार द्वारा 28 जून 2017 को राॅयल्टी कलेक्शन ठेकेदारों को निर्धारित दर से जीएसटी का भुगतान करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया हुआ है | इस तरह से माइनिंग लीज होल्डर द्वारा दोहरा कर चुकाया जा रहा है | साथ ही साथ   पत्थर उद्योग पर पड़ोसी प्रांत उत्तर प्रदेश का सबसे अधिक असर पड़ रहा है क्यो कि उत्तरप्रदेश में राज्य सरकार द्वारा फिनिश्ड खनिज पर किसी प्रकार की कोई राॅयल्टी नहीं है जबकि प्रदेश में  करीब करीब 265 प्रतिटन के हिसाब से फिनिश्ड खनिज पर राॅयल्टी वसूल की जाती है। इसका असर  पत्थर व्यवसाय पर साफ़ तौर पर पड़ा है क्योंकि लागत अधिक होने से प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रहे है और बिक्री भी घटी |

व्यापार में बने रहे, इसलिए मार्बल गैंगसा एसोसिएशन ने जोधपुर हाई कोर्ट मे याचिका दाखिल की जहाँ राजस्थान के मकराना में मिनरल्स पर ली जाने वाली रॉयल्टी पर जीएसटी को राजस्थान हाईकोर्ट ने लीजधारकों पर दोहरा भार बताया है। साथ ही अदालत ने सरकार के रॉयल्टी पर जीएसटी वसूलने के गत वर्ष के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है लेकिन धौलपुर में खनिज विभाग द्वारा राॅयल्टी ठेकेदार को जीएसटी वसूल नहीं करने के कोई आदेश नहीं दिए है।  इसे लेकर भ्रम की स्थिति दिख रही है और  अभी भी कुछ जगहों पर जीएसटी का कलेक्शन हो रहा है |

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Dainik Bhaskar

हाईकोर्ट जोधपुर ने रॉयल्टी चार्ज के साथ जीएसटी लेने पर लगाई रोक, मकराना में दिनभर वसूली रही बंद, शाम को फिर चालू

हाईकोर्ट की रोक के बाद भी जीएसटी का हवाला देकर ठेकेदार वसूल रहा 18% कर