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चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, निविदा शुल्क को सर्विस की सप्लाई माना जाएगा और उस पर 18% जीएसटी दर लागू होगी।

GST DOST's NEWS

 

आमतौर पर जो ऑनलाइन टेंडर होते है, उसमे टेंडर फॉर्म की बिक्री ऑनलाइन की जाती है और खरीददार को सॉफ्टकॉपी जैसे की पीडीऍफ़ में डाउनलोड करना होता है या ऑनलाइन ही विवरण फाइल करना होता है | इसके विपरीत जो ऑफलाइन टेंडर होता है, उसमे टेंडर फॉर्म को प्रिंटेड मैटर या कागज पर बेचा जाता है | टेंडर चाहे जैसा भी हो, दोनों में ही पेमेंट का भुगतान होता है, बिडिंग करना होता है | फिर उसकी प्रोसेसिंग होती है, इवैल्यूएशन होता है और अंत में किसी को अलॉट होता है | टेंडर फॉर्म में दी गयी शर्तो को पूरा करने से से केवल पार्टिसिपेशन का अधिकार आता है, मालिकाना हक़ नहीं | इसलिए टेंडर ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, उसे सर्विस की सप्लाई माना जायेगा | 

टेंडर फी पर जीएसटी की दर 18% होगा और सर्विस एकाउंटिंग कोड 999799 होगा |

 

 श्रोत : महाराष्ट्र एडवांस रूलिंग अथॉरिटी, महाराष्ट्र स्टेट डेंटल कौंसिल के मामले में  

 

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