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कन्साइन्मेण्ट वैल्यू

GST DOST's BLOG

 

जीएसटी में कन्साइनमेंट वैल्यू का बहुत महत्व है क्योंकि अगर कन्साइन्मेण्ट वैल्यू 50000/ रुपये से अधिक है और उसका परिवहन मोटरवाइज वाहन से होता है तो EWB लगेगा बशर्ते वो एक्सेम्पण्ड गुड्स न हो और ना ही उसे किसी नोटिफिकेशन के माध्यम से छूट मिली हुई है। गुड्स का आम बोलचाल की भाषा में टैक्सेबल होना जरूरी है। कन्साइनमेण्ट वैल्यू में GST को शामिल किया जाता है। EWB की गणना के उद्देश्य से मगर एक्सेम्पण्ड गुड्स की वैल्यू को नहीं। हालाँकि कन्साइनमेंट वैल्यू में ट्रांसपोर्टर द्वारा जो भाड़ा चार्ज किया जाता है, वो शामिल नहीं होता है|

उदाहरण के तौर पर अगर किराना वाला किसी कैटरर को चावल जिस पर GST नहीं है जिसकी वैल्यू 35,000/- रुपये का बेचता है और चीनी जिस पर GST है जिसकी वैल्यू 25,000/- रुपये का बेचता है और दोनों का एक ही टैक्स इनवाइस बनाता है तो भी EWB नहीं लगेगा भले ही कुल वैल्यू 60,000/- है क्योंकि टैक्सबल गुड्स की वैल्यू 50,000/- रुपये से कम है।

एक दूसरा उदहारण लेते है | मान लीजिये कि अगर कोई कपड़ा का व्यापारी 48,000/- रुपये का कपड़ा बेचता है और उस पर 5% GST है तो कुल वैल्यू 50,400/- हो जाती है, भले ही टैक्स को लेने से 50,000/- रुपये की लिमिट क्रॉस होती है | तब EWB लगेगा।

अगर कन्साइनमेंट वैल्यू 50,000/- रुपये से कम है तो भी EWB लगेगा, निम्नलिखित परिस्थितियों में:

(क) अगर गुड्स जाब वर्क के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में जाता है।

(ख) हस्तशिल्प गुड्स जिन्हें एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजे जाने पर भी छूट मिली है अगर उसका एग्रीमेंट टर्नओवर 20 लाख रुपये से काम है, उसकी सप्लाई एक राज्य से दूसरे राज्य में होती है।

अगर कन्साइनमेंट वैल्यू 50,000/- रुपये से अधिक है तो भी EWB नहीं लगेगा बशर्ते

(क) जिस गुड्स की आवाजाही हो रही है वो एक्सेम्पण्ड गुड्स है या फिर उसे छूट EWB से मिली हुई है

(ख) व्यापारी अपने गोडाउन से टैक्सेबल गुड्स राज्य के अंदर ट्रांसपोर्टर के गोडाउन तक भेजता है और वो दूरी 50 किलोमीटर तक है |

आपकी जानकारी के लिए कन्साइनमेंट वैल्यू की परिभाषा यहाँ नीचे दे रहे है:-

Explanation to Rule 138 of CGST Rules 2017

The consignment value of goods shall be the value, determined in accordance with the provisions of section 15, declared in an invoice, a bill of supply or a delivery challan, as the case may be, issued in respect of the said consignment and also includes the central tax, State or Union territory tax, integrated tax and cess charged, if any, in the document and shall exclude the value of exempt supply of goods where the invoice is issued in respect of both exempt and taxable supply of goods.